जीएसटी परिषद् की 56वीं बैठक के बाद बड़ा फैसला: उपभोक्ता वस्तुएं, बीमा और स्वास्थ्य सेवाएं होंगी सस्ती
22 सितंबर से लागू होंगी नई कर दरें, 12% कर स्लैब खत्म; लग्जरी वस्तुओं पर टैक्स बढ़ा, आम उपयोग की वस्तुओं पर कर में बड़ी राहत

देहरादून। जीएसटी परिषद् की 56वीं बैठक में लिए गए निर्णयों के क्रम में केंद्र सरकार ने 17 सितंबर 2025 को कर दर संबंधी अधिसूचनाएं जारी कीं। इसके बाद उत्तराखंड सरकार ने भी 18 सितंबर को राज्य स्तरीय अधिसूचनाएं जारी करते हुए कर दरों को सरल और जनहितकारी बनाया है। ये परिवर्तन 22 सितंबर 2025 से लागू होंगे।
नई कर दरों के तहत 12% कर स्लैब को समाप्त कर दिया गया है। अधिकांश उपभोक्ता वस्तुओं और सेवाओं पर कर दरों को घटाया गया है, जबकि लग्जरी मदों पर टैक्स बढ़ाया गया है।
मुख्य बदलाव इस प्रकार हैं:
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आम उपभोग की वस्तुएं सस्ती: हेयर ऑयल, टॉयलेट सोप, साइकिल, टूथपेस्ट, टूथब्रश, बिस्कुट और कन्फेक्शनरी आइटम्स पर जीएसटी 18% से घटाकर 5% किया गया।
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सौंदर्य और फिटनेस सेवाएं सस्ती: जिम, सैलून और योग केंद्र पर जीएसटी 18% से घटाकर 5%।
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खाद्य व गृह उपयोगी वस्तुएं सस्ती: बटर, चीज़, नमकीन, ड्राई फ्रूट्स, हैंडीक्राफ्ट आइटम्स, किचनवेयर, टेबलवेयर और दवाइयों पर जीएसटी 12% से घटाकर 5%।
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कृषि क्षेत्र को राहत: कृषि वस्तुओं और कृषि मशीनरी पर जीएसटी 12% से घटाकर 5%।
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चिकित्सा उपकरण सस्ते: बैंडेज, डायग्नोस्टिक किट, ग्लूकोमीटर आदि पर जीएसटी 18% व 12% से घटाकर 5%।
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होटल सेवाएं सस्ती: 7,500 रुपये प्रतिदिन तक के होटल कमरों पर जीएसटी 12% से घटाकर 5%।
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इलेक्ट्रॉनिक व वाहन सस्ते: एसी, 32 इंच टीवी, डिशवॉशिंग मशीन, छोटी कारें और 350 सीसी तक की बाइक पर जीएसटी 28% से घटाकर 18%।
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सीमेंट सस्ता: सीमेंट पर जीएसटी 28% से घटाकर 18%।
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स्टेशनरी और दवाइयां करमुक्त: पेंसिल, शार्पनर, नोटबुक करमुक्त; 33 जीवन रक्षक दवाइयां करमुक्त; कैंसर व दुर्लभ बीमारियों की 3 दवाइयां 5% से करमुक्त।
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बीमा सेवाएं करमुक्त: निजी जीवन बीमा और स्वास्थ्य बीमा पॉलिसियों पर 18% जीएसटी पूरी तरह समाप्त।
लाभ और प्रभाव:
नई दरों से आम उपभोक्ता, किसान, व्यापारी और उद्योग जगत को राहत मिलेगी। उपभोक्ता वस्तुओं, खाद्य पदार्थों, चिकित्सा उपकरणों, बीमा सेवाओं और शिक्षा-संबंधी वस्तुओं के सस्ते होने से आम जनता की क्रय शक्ति बढ़ेगी।
सरकार का कहना है कि इन सुधारों से निम्न और मध्यम आय वर्ग को सबसे अधिक लाभ मिलेगा। साथ ही, श्रम-प्रधान उद्योगों, कृषि क्षेत्र और स्वास्थ्य क्षेत्र पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
हालांकि, लग्जरी वस्तुओं जैसे बड़ी कारों और एसयूवी पर टैक्स 28% से बढ़ाकर 40% किया गया है, लेकिन कंपनसेशन सेस समाप्त होने के कारण इनकी कीमतों में भी कमी आने की संभावना है।
कुल मिलाकर, जीएसटी दरों का यह सरलीकरण न केवल उपभोक्ताओं के लिए राहत लेकर आया है, बल्कि दीर्घकालिक रूप से अर्थव्यवस्था को भी मजबूती देगा।