उत्तराखंड के जल संसाधन विकास के लिए सीएम धामी ने केंद्रीय जल शक्ति मंत्री से की महत्वपूर्ण मांगें
अलकनंदा-भागीरथी नदी घाटी परियोजनाओं और जमरानी बांध समेत कई जल विद्युत और सिंचाई परियोजनाओं पर वित्तीय सहायता और अनुमति की अपील

नई दिल्ली। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल से मुलाकात की और राज्य के जल संसाधन विकास के लिए कई महत्वपूर्ण अनुरोध किए। मुख्यमंत्री ने अलकनंदा एवं भागीरथी नदी घाटी में 50 प्रतिशत से अधिक निर्माण कार्य पूरी कर चुकी परियोजनाओं को प्रारंभ करने की अनुमति देने की अपील की। उन्होंने बताया कि उत्तराखंड के सामाजिक एवं आर्थिक विकास में जल एक प्रमुख संसाधन है और राज्य की सकल घरेलू उत्पाद में जल विद्युत परियोजनाएं महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।
मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि उत्तराखंड की विद्युत ऊर्जा की बढ़ती मांग के चलते राज्य को प्रतिवर्ष 1000 करोड़ रुपये की ऊर्जा का क्रय करना पड़ता है। उन्होंने राज्य के विभिन्न जल स्त्रोतों से 25,000 मेगावाट जल विद्युत क्षमता का आंकलन किया, लेकिन वर्तमान में केवल 4,200 मेगावाट क्षमता का ही दोहन हो पा रहा है। धामी ने केंद्रीय मंत्री को सूचित किया कि उत्तराखंड की सीमा में गंगा और उसकी सहायक नदियों के अलावा अन्य नदी घाटियों पर प्रस्तावित जल विद्युत परियोजनाओं पर कोई प्रतिबंध नहीं है, और इन परियोजनाओं के त्वरित विकास की अनुमति मांगी।
मुख्यमंत्री धामी ने जमरानी बांध बहुउद्देश्यीय परियोजना के लिए प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत वित्तीय स्वीकृति की भी मांग की। यह परियोजना हल्द्वानी और उसके आस-पास के क्षेत्रों में वर्ष 2051 तक की जनसंख्या के लिए पेयजल और सिंचाई के लिए जल प्रदान करेगी।
लखवाड़ बहुउद्देश्यीय परियोजना पर हो रहे विलंब का मुद्दा उठाते हुए मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री से इसके शीघ्र पूरा होने के लिए केंद्रीय जल आयोग से प्राथमिकता पर ड्राइंग निर्गत करने का अनुरोध किया। उन्होंने परियोजना की त्वरित प्रगति के लिए एक उच्च स्तरीय समिति गठित करने की जानकारी भी दी।
मुख्यमंत्री ने यह भी अनुरोध किया कि पिथौरागढ़ जिले की 15 परियोजनाओं के लिए शत प्रतिशत केंद्रीय वित्त पोषण को शीघ्र स्वीकृति दी जाए और देहरादून के सहसपुर विकासखंड में स्वारना नदी पर प्रस्तावित डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी जलाशय परियोजना के लिए इंटर स्टेट क्लेरेंस की मंजूरी दी जाए।
मुख्यमंत्री धामी के इन अनुरोधों से उत्तराखंड में जल संसाधन और विद्युत उत्पादन के क्षेत्र में नई गति आने की संभावना है।