युवाओं के लिए युवा आपदा मित्र बनने का सुनहरा मौका!
उत्तराखंड में 4310 स्वयंसेवकों को मिलेगा प्रशिक्षण, आपदा के दौरान निभाएंगे अहम भूमिका

देहरादून। उत्तराखंड के युवाओं के लिए आपदा मित्र बनने का सुनहरा अवसर है। राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA), गृह मंत्रालय, भारत सरकार की युवा आपदा मित्र परियोजना के तहत राज्य में 4310 स्वयंसेवकों को प्रशिक्षित किया जाएगा, जिससे वे फर्स्ट रिस्पांडर के रूप में आपदाओं से निपटने में सक्षम बन सकें।
सचिव, आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास श्री विनोद कुमार सुमन ने योजना को लागू करने के लिए एनसीसी, एनएसएस, नेहरू युवा केंद्र और भारत स्काउट एवं गाइड के प्रतिनिधियों के साथ बैठक कर अहम निर्देश दिए।
प्रधानमंत्री की 10-प्वाइंट एजेंडा के तहत लागू हो रही योजना
यह योजना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की “मेरा युवा भारत”, “युवा सेतु”, “सबका प्रयास” और आपदा जोखिम न्यूनीकरण पर 10-प्वाइंट एजेंडा को ध्यान में रखते हुए पूरे देश में लागू की जा रही है।
सचिव श्री सुमन ने बताया कि यह योजना उत्तराखंड के 11 जिलों में लागू होगी और इससे 20 प्रशिक्षित आपदा मित्र मास्टर ट्रेनर के रूप में उभरेंगे।
स्वयंसेवकों के लिए जरूरी योग्यताएं
- उम्र: 18 से 40 वर्ष
- एनसीसी, एनएसएस, नेहरू युवा केंद्र या भारत स्काउट-गाइड में नामांकन
- न्यूनतम 7वीं कक्षा उत्तीर्ण
- शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक रूप से स्वस्थ
50% महिलाओं को प्रशिक्षित करने का लक्ष्य रखा गया है ताकि महिला स्वयंसेवकों की भागीदारी बढ़ाई जा सके।
प्रशिक्षण पूरा करने पर मिलेगा आपातकालीन किट और इंश्योरेंस
प्रशिक्षण पूरा करने वाले स्वयंसेवकों को उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की ओर से प्रशस्ति पत्र और आपातकालीन किट दी जाएगी, जिसमें शामिल होंगे:
🔹 लाइफ जैकेट
🔹 सौर ऊर्जा से चार्ज होने वाली टॉर्च
🔹 फर्स्ट एड किट
🔹 सुरक्षा दस्ताने, सीटी, पानी की बोतल
🔹 मच्छरदानी, यूनिफॉर्म, सेफ्टी हेलमेट
🔹 बहु-उपयोगी रस्सी
इसके साथ ही 03 साल का लाइफ और मेडिकल इंश्योरेंस भी मिलेगा।
क्या होगा प्रशिक्षण में?
- भूकंप, बाढ़, आग, भूस्खलन, आकाशीय बिजली और रासायनिक आपदाओं से निपटने के कौशल
- सीपीआर और प्राथमिक चिकित्सा प्रशिक्षण
- खोज और बचाव ऑपरेशन की तकनीक
- सर्पदंश और अन्य विषैले जीवों के काटने का उपचार
सचिव आपदा प्रबंधन का बयान
“उत्तराखंड विभिन्न प्रकार की आपदाओं के लिए संवेदनशील राज्य है। समुदायों की जागरूकता और तत्परता से आपदाओं के प्रभाव को कम किया जा सकता है। यह योजना युवाओं को आपदा न्यूनीकरण और बचाव कार्यों में दक्ष बनाएगी। जो युवा इसमें रुचि रखते हैं, वे इस योजना से लाभ उठा सकते हैं।”
– विनोद कुमार सुमन, सचिव, आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास
यह योजना उत्तराखंड के युवाओं को समाज सेवा और आपदा प्रबंधन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने का अवसर प्रदान करेगी। यदि आप 18-40 वर्ष के बीच हैं और आपदा मित्र बनना चाहते हैं, तो इस योजना में भाग लें और उत्तराखंड को सुरक्षित बनाने में अपना योगदान दें!