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Uttarakhand News- युवाओं के लिए खुशखबरी : रोजगार पाने का ये है अच्छा मौका, धामी सरकार के फैसले से 13,000 से ज्यादा युवाओं को मिलेगा लाभ…

उत्तराखण्ड : उत्तराखण्ड कैबिनेट ने स्वयं सहायता समूहों एवं एम.एस.एम.ई को प्रोत्साहित करने तथा स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से स्वयं सहायता समूहों एवं एम.एस.एम.ई को क्रय वरीयता प्रदान करने के लिए भी नीति का अनुमोदन प्रदान किया। स्वयं सहायता समूहों के लिए पहले इस तरह की कोई विशेष व्यवस्था नहीं थी। अभी तक स्थानीय स्तर पर स्वयं सहायता समूहों को 5 लाख तक की लागत के कार्य दिए जा सकते थे।

मातृशक्ति को आर्थिक संबल प्रदान करना

क्रय वरीयता की नीति लागू होने से राज्य के सरकारी विभागों की निविदा प्रक्रिया में स्वयं सहायता समूहों एवं एम.एस.एम.ई को न्यूनतम दर की निविदा से 10 प्रतिशत की सीमा तक क्रय वरीयता मिलेगी। यह निर्णय भी स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने तथा मातृशक्ति को आर्थिक संबल प्रदान करने में मददगार होगा।

कई ऐतिहासिक फैसले लिए

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि कैबिनेट द्वारा राज्य की जनता के हितों को ध्यान में रखते हुए कई ऐतिहासिक फैसले लिए हैं। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड अधिप्राप्ति (प्रोक्योरमैन्ट) नियमावली में संशोधन करते हुए राज्य में 10 करोड़ तक के कार्य अब राज्य के स्थानीय व्यक्तियों या स्थानीय पंजीकृत फर्मों के माध्यम से कराए जाने का निर्णय लिया गया है। इसमें राज्य के स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे तथा उनकी आर्थिकी मजबूत होगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में उद्योगों को बढ़ावा देने के लिये उत्तराखण्ड मेगा इण्डस्ट्रियल एवं इन्वेस्टमेंट नीति-2025 (मेगा पॉलिसी-2025) को भी मंजूरी प्रदान की गयी है। इस योजना का उद्देश्य उत्तराखण्ड को राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पूंजी निवेश हेतु प्रतिस्पर्धी गंतव्य के रूप में स्थापित करने तथा वृहत श्रेणी के विनिर्माणक उद्यम में पूंजी निवेश के लिये अनुकूल पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करते हुये राज्य का आर्थिक विकास एवं अतिरिक्त रोजगार अवसरों का सृजन करना है।

योग नीति को भी मंजूरी प्रदान की गयी

उत्तराखण्ड कैबिनेट द्वारा योग नीति को भी मंजूरी प्रदान की गयी है। उत्तराखण्ड योग नीति 2025 लागू करने वाला देश का पहला राज्य बन गया है। इस नीति का सबसे बड़ा उद्देश्य है कि योग को केवल एक आध्यात्मिक या व्यक्तिगत साधना तक सीमित न रखते हुए उसे एक सामाजिक, शैक्षणिक, आर्थिक और पर्यटन-आधारित मॉडल के रूप में विकसित करना है। नीति का विज़न – उत्तराखण्ड को योग और वेलनेस का वैश्विक केंद्र बनाना है। इस नीति से राज्य को कई प्रकार के सकारात्मक परिणाम प्राप्त होंगे।

13 हजार से अधिकार रोजगार सृजित होंंगे

इसके माध्यम से राज्य में लगभग 13,000 से अधिक रोजगार सृजित होंगे, 2500 योग शिक्षकों के लिए योगा सर्टिफिकेशन बोर्ड से प्रमाणित होंगे और 10,000 से अधिक योग अनुदेशकों को होमस्टे, होटल आदि में रोजगार मिलने की संभावना है। योग पर्यटन को बढ़ावा मिलने से राज्य की अर्थव्यवस्था को एक नया आयाम मिलेगा, जन सामान्य में स्वास्थ्य संवर्धन के प्रति जागरूकता बढ़ेगी, योग शिक्षा में सकारात्मक परिवर्तन आएगा और राज्य को योग के क्षेत्र में वैश्विक पहचान मिलेगी।राज्य में स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है।

स्थानीय उत्पादों के उत्पादन विपणन एवं गुणवत्ता परीक्षण पर भी ध्यान दिया जा रहा है। राज्य में जल संरक्षण, जल संचय एवं वृक्षारोपण जैसे कार्यक्रम आयोजित कर “एक पेड़ मां के नाम” कार्यक्रम के तहत इस दिशा में प्रभावी पहल किए जाने के प्रति भी संकल्प व्यक्त किया गया है।मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के समग्र विकास एवं आम आदमी के जीवन स्तर में सुधार लाने की दिशा में राज्य सरकार के प्रयास निरंतर जारी हैं।

स्थानीय उत्पादों और उद्यमों को बढ़ावा देने के साथ ही महिलाओं और स्थानीय लोगों को रोजगार के बेहतर अवसर प्रदान करना हमारी प्रतिबद्धता है। राज्य की जनता का हित हमारे लिये सर्वोपरि है, राज्य हित से जुड़े विषयों पर आज कैबिनेट द्वारा जो महत्वपूर्ण निर्णय लिये गये हैं वह इस दिशा में की गई महत्वपूर्ण पहल है।

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