देहरादून में महाराष्ट्र समाज सेवा समिति का गणेशोत्सव, परंपराओं संग संस्कृति का उत्सव
1952 में स्थापित समिति आज भी जीवंत रखे हुए है महाराष्ट्र की सभ्यता और सांस्कृतिक विरासत

देहरादून। उत्तराखंड में महाराष्ट्र समाज सेवा समिति की स्थापना वर्ष 1952 में श्रीमती सुधा कुंटे और श्रीमती दीक्षित ने की थी। वर्तमान में समिति के अध्यक्ष श्री हरिभाऊ मरकळे और सचिव श्री अनिरुद्ध देशमुख हैं। समिति की शुरुआत पाँच लोगों से हुई थी और आज इसके साथ लगभग 50 परिवार जुड़े हुए हैं।
महाराष्ट्र समाज का देहरादून में इतिहास काफ़ी पुराना है। वर्ष 1940 में एफआरआई (FRI) में कार्यरत कै. श्रीमती सरयू ताई पुणतांबेकर ने अपने निवास पर सहमित्रों और स्वजनों के साथ छोटे-छोटे आयोजन शुरू किए। इसके बाद 1952 में श्री मधुकर वारे, श्री सुखटणकर, श्री बडोदकर, श्रीमती सुधा कुंटे और श्रीमती दीक्षित के प्रयासों से सार्वजनिक गणेशोत्सव की शुरुआत हुई।
समय के साथ यह परंपरा ओएनजीसी, एफआरआई, डीआरडीओ, सर्वे ऑफ इंडिया जैसी संस्थाओं में कार्यरत मराठी परिवारों और पदाधिकारियों के सहयोग से आगे बढ़ती गई। इसमें मुख्य योगदान श्रीमती बागची, कर्नल जोग, डॉ. मुकुंद जोशी और श्री जिंदे जैसे व्यक्तियों का रहा।
इस वर्ष भी महाराष्ट्र समाज सेवा समिति द्वारा सार्वजनिक गणेशोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। 27 तारीख को पहली बार ललित पैलेस में गणेश स्थापना और पूजा सम्पन्न हुई। इससे पहले यह आयोजन पंचायती मंदिर और आत्माराम धर्मशाला, किशन नगर में होता रहा है।
28 से 30 तारीख तक विविध कार्यक्रम आयोजित होंगे। इसमें एकल अभिनय, कविता प्रस्तुति और गायन जैसी गतिविधियां शामिल हैं। 29 तारीख को श्री वारकरी पीठ की भजन संध्या और 30 तारीख को महाराष्ट्र समाज की महिलाओं द्वारा सांस्कृतिक रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत किए जाएंगे, जिनमें छोटे कलाकार भी अपनी प्रस्तुति देंगे।
31 तारीख को समिति की स्मरणिका का विमोचन डॉ. विजय जोगदंडे और डॉ. श्रद्धा जोगदंडे के करकमलों से किया जाएगा। इसके बाद महाप्रसाद का आयोजन और फिर बप्पा का भावपूर्ण विसर्जन होगा।
समिति परंपरागत मराठी तिथियों के अनुसार पूजा और त्योहार मनाती है। गुढीपाडवा, महाराष्ट्र दिवस, कोजागिरी पौर्णिमा और मकर संक्रांति जैसे त्योहार भी पूरे उत्साह के साथ मनाए जाते हैं।