मुख्यमंत्री धामी की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय दिशा समिति की पहली बैठक, योजनाओं की प्रगति की हुई गहन समीक्षा
कृषि, स्वास्थ्य, शिक्षा, ऊर्जा और रोजगार सहित विभिन्न क्षेत्रों की योजनाओं पर चर्चा, अधिकारियों को पारदर्शिता और गति सुनिश्चित करने के निर्देश

देहरादून। मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में शुक्रवार को सचिवालय, देहरादून में राज्य स्तरीय दिशा समिति की पहली बैठक आयोजित की गई। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने राज्य सरकार और केंद्र सरकार की विभिन्न महत्वाकांक्षी योजनाओं की प्रगति की गहन समीक्षा की। बैठक में कृषि, ग्रामीण विकास, शहरी विकास, स्वास्थ्य, शिक्षा, महिला एवं बाल विकास, रोजगार, सामाजिक सुरक्षा, डिजिटल प्रौद्योगिकी, पर्यावरण और खेल से जुड़ी योजनाओं की कार्यवाही पर विस्तार से चर्चा की गई।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि योजनाओं के क्रियान्वयन की गति तेज की जाए, ताकि अधिक से अधिक लोग शीघ्र लाभान्वित हो सकें। उन्होंने कहा कि योजनाओं के संचालन में पारदर्शिता, जवाबदेही और विभागों के बीच आपसी समन्वय अत्यंत आवश्यक है।
उन्होंने कहा कि राज्य को देश के अग्रणी राज्यों की श्रेणी में लाने के लिए ठोस और सार्थक कदम लगातार उठाए जा रहे हैं और इसमें किसी प्रकार की शिथिलता स्वीकार्य नहीं होगी। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि योजनाओं की निगरानी और सफल संचालन हेतु आधुनिक डिजिटल प्रौद्योगिकी का अधिकतम उपयोग किया जाए।
कृषि और ऊर्जा क्षेत्र पर चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री कुसुम योजना के अंतर्गत सौर ऊर्जा आधारित पंपों की स्थापना की गति तेज करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इससे किसानों को सिंचाई के साधन सुलभ होंगे और ऊर्जा आत्मनिर्भरता की दिशा में यह महत्वपूर्ण कदम साबित होगा। साथ ही, यह पर्यावरण संरक्षण में भी सहायक होगा।
ग्रामीण विकास के संदर्भ में मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत शेष गांवों तक शीघ्र सड़क संपर्क उपलब्ध कराने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि सड़क संपर्क किसी भी क्षेत्र के विकास की आधारशिला है और राज्य के दुर्गम इलाकों में रह रहे लोगों की सुविधा और आर्थिक अवसरों के लिए यह आवश्यक है।
बैठक में स्वास्थ्य, शिक्षा और रोजगार सृजन से जुड़ी योजनाओं की भी समीक्षा हुई। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार को प्राथमिकता दी जाए। साथ ही, युवाओं और महिलाओं के लिए कौशल विकास, स्वरोजगार और उद्यमिता योजनाओं को प्रभावी ढंग से लागू किया जाए, ताकि राज्य के हर नागरिक के जीवन स्तर में सुधार हो सके।
मुख्यमंत्री ने जोर दिया कि योजनाओं की सफलता के लिए शासन के साथ-साथ जनप्रतिनिधियों और स्थानीय जनता की सक्रिय भागीदारी आवश्यक है। उन्होंने अधिकारियों से अपेक्षा की कि वे नियमित रूप से जनप्रतिनिधियों से संवाद स्थापित कर योजनाओं की प्रगति साझा करें और जनता को योजनाओं से अधिकाधिक लाभान्वित करें।
बैठक में कैबिनेट मंत्री श्री गणेश जोशी, राज्यसभा सांसद श्री नरेश बंसल, डॉ. कल्पना सैनी, विधायक श्री सहदेव सिंह पुण्डीर, श्रीमती रेनू बिष्ट, श्री सुरेश गढ़िया, श्री शक्तिलाल शाह, श्री हरीश धामी और श्री मनोज तिवारी उपस्थित रहे। इसके अलावा प्रमुख सचिव श्री एल. फैनई, विशेष प्रमुख सचिव श्री अमित सिन्हा, सचिव श्रीमती राधिका झा, श्री नितेश झा, श्री बी.वी.आर.सी. पुरूषोत्तम, श्री एस.एन. पांडेय, श्री आर. राजेश कुमार, श्री धीराज गर्ब्याल, श्री श्रीधर बाबू अद्दांकी, श्री युगल किशोर पंत और श्री रणवीर सिंह चौहान सहित विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्ष भी बैठक में सम्मिलित हुए।