मुख्यमंत्री धामी ने बोर्ड परीक्षा के मेधावियों को किया सम्मानित, पारदर्शिता से मिली 25 हजार युवाओं को सरकारी नौकरी
पंडित दीनदयाल उपाध्याय शैक्षिक उत्कृष्टता पुरस्कार समारोह में 75 छात्रों और उत्कृष्ट विद्यालयों के प्रधानाचार्यों को किया गया सम्मानित

देहरादून। मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को नानूरखेड़ा स्थित एससीईआरटी ऑडिटोरियम में आयोजित पंडित दीनदयाल उपाध्याय शैक्षिक उत्कृष्टता पुरस्कार समारोह में बोर्ड परीक्षा 2025 में हाईस्कूल और इंटरमीडिएट के शीर्ष 10 स्थान प्राप्त करने वाले 75 मेधावी छात्रों को सम्मानित किया। इसके साथ ही उत्कृष्ट परिणाम देने वाले विद्यालयों के प्रधानाचार्यों और शीर्ष 50 विद्यालयों को भी सम्मानित किया गया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय का मानना था कि शिक्षा केवल किताबी ज्ञान तक सीमित न रहकर राष्ट्रप्रेम, नैतिकता और सामाजिक समरसता का माध्यम होनी चाहिए। इसी उद्देश्य से प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 लागू की है, जिससे शिक्षा व्यवस्था को आधुनिक, व्यवहारिक और गुणवत्तायुक्त बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठाया गया है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य में शिक्षा को और सशक्त करने के लिए स्मार्ट क्लासरूम, डिजिटल लाइब्रेरी, वर्चुअल कक्षाएं और पीएम ई-विद्या चैनल संचालित किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि सभी सरकारी और सहायता प्राप्त विद्यालयों के विद्यार्थियों को निःशुल्क पाठ्य पुस्तकें उपलब्ध कराई जा रही हैं और मुख्यमंत्री मेधावी छात्र प्रोत्साहन योजना के तहत छात्रवृत्ति दी जा रही है।
मुख्यमंत्री ने युवाओं के लिए सरकारी नौकरी की पारदर्शी प्रक्रिया का जिक्र करते हुए कहा कि पिछले चार वर्षों में रिकॉर्ड 25 हजार युवाओं को नौकरी मिली है, जबकि राज्य गठन के शुरुआती 21 वर्षों में केवल 16 हजार नियुक्तियां ही हुई थीं। उन्होंने बताया कि नकल विरोधी सख्त कानून लागू होने के बाद 100 से अधिक नकल माफियाओं को जेल भेजा गया है।
हाल ही में हुई परीक्षा गड़बड़ी पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि इसके लिए एसआईटी जांच बैठाई गई है और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई होगी। मुख्यमंत्री ने साफ कहा कि “राज्य में एक-एक नकल माफिया को चुन-चुनकर गिरफ्तार किया जाएगा।”
उन्होंने यह भी बताया कि सरकार ने नया अल्पसंख्यक शिक्षा कानून लागू किया है जिसके अंतर्गत 1 जुलाई 2026 के बाद केवल वे मदरसे संचालित होंगे, जिनमें सरकारी बोर्ड का पाठ्यक्रम पढ़ाया जाएगा।
समारोह में शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि इस वर्ष बोर्ड परीक्षा में प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण होने वाले छात्रों की संख्या 18% बढ़ी है। अब अंक सुधार परीक्षा भी होने लगी है, जिससे छात्रों का तनाव कम हुआ है।
इस अवसर पर शिक्षा सचिव श्री रविनाथ रामन, महानिदेशक शिक्षा सुश्री दीप्ति सिंह सहित अनेक वरिष्ठ शिक्षा अधिकारी उपस्थित रहे।