Uttarakhand

धामी का जलवा: सीमांत से लेकर पर्वतीय अंचलों तक जनता के दिलों पर राज, दो दिनों में 9 से अधिक कार्यक्रमों में उमड़ा जनसैलाब…..

उत्तराखंड: उत्तराखंड के सीमांत नगरों से लेकर पर्वतीय अंचलों तक एक ही नाम गूंज रहा है पुष्कर सिंह धामी…। दो दिनों में नौ से अधिक कार्यक्रमों में उमड़ी जनता की भीड़ ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि सीएम धामी न केवल प्रदेश के सबसे लोकप्रिय नेता हैं, बल्कि जनता-जनार्दन के दिलों की धड़कन बन चुके हैं।

बीते दो दिनों में जहां बुधवार को मुख्यमंत्री ने रुद्रप्रयाग और चंपावत में पांच से अधिक कार्यक्रमों में शिरकत की, वहीं गुरुवार को ऊधम सिंह नगर और चंपावत में चार से अधिक कार्यक्रमों में प्रतिभाग किया। इन आयोजनों में हर आयु वर्ग बच्चों, युवाओं, बुजुर्गों और मातृशक्ति का जो उत्साह देखने को मिला, उसने साफ कर दिया कि धामी का नाम अब केवल एक व्यक्ति नहीं, बल्कि एक विकास और जनकल्याण का प्रतीक बन चुका है।

जहां-जहां मुख्यमंत्री पहुंचे, लोगों ने फूल-मालाओं से उनका स्वागत किया। कई स्थानों पर जनता ने उन्हें स्मृति स्वरूप गदा भेंट की जो न सिर्फ सम्मान का प्रतीक था, बल्कि धामी के नेतृत्व में भ्रष्टाचार, रिश्वतखोरी और प्रदेश की डेमोग्राफी से छेड़छाड़ करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का प्रतीक भी बन गया। मुख्यमंत्री ने भी हवा में गदा लहराकर यह स्पष्ट संदेश दिया कि जो भी उत्तराखंड की संस्कृति, सभ्यता और शांति के साथ खिलवाड़ करेगा, उसे मिट्टी में मिला दिया जाएगा।

चार महीने तक आपदा प्रबंधन और राहत कार्यों में जुटे रहने के बाद अब मुख्यमंत्री धामी का यह दौरा विकास, जनसंवाद और जनविश्वास का संदेश लेकर निकला है। इन कार्यक्रमों में उमड़ी भीड़ ने विपक्ष के सभी दावों और नकारात्मक राजनीति को ध्वस्त कर दिया है। जनता का यह अपार स्नेह यह दिखाता है कि प्रदेश की जनता विपक्ष की कोरी बयानबाजी के बजाय परफॉरमेंस की नीति पर भरोसा करती है और इस कसौटी पर मुख्यमंत्री धामी खरे उतरते हैं।

दरअसल, जनता जानती है कि धामी सरकार ने न केवल सड़क, शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के क्षेत्र में ठोस कार्य किए हैं, बल्कि जनभावनाओं की रक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है चाहे वह धर्मांतरण और लव जिहाद पर सख्त कानून बनाना हो या नकल माफिया पर प्रहार कर युवाओं का विश्वास लौटाना। यही कारण है कि लोगों की नज़रों में धामी एक निर्भीक, निर्णायक और निष्पक्ष नेता के रूप में स्थापित हुए हैं।

विपक्ष जहां अभी भी पुरानी राजनीति के फंदे में उलझा हुआ है, वहीं धामी जनता के बीच सीधे संवाद और ठोस काम की भाषा बोलते हैं। जनता का उनके प्रति उमड़ता समर्थन विपक्ष को स्पष्ट संकेत दे रहा है कि अब उत्तराखंड की राजनीति का केंद्र जनता की भावनाएं हैं, और जनता के दिल में धामी बसते हैं।

सीएम धामी की यही लोकप्रियता अब प्रदेश की सीमाओं को लांघ चुकी है। कर्नाटक, दिल्ली, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल, हरियाणा या महाराष्ट्र जहां भी चुनाव हुए, भाजपा आलाकमान की पहली पसंद पुष्कर सिंह धामी रहे हैं। अब यही विश्वास बिहार चुनाव में भी देखने को मिलेगा, जहां उन्हें स्टार प्रचारक बनाया गया है।

जनता के बीच धामी की छवि केवल एक मुख्यमंत्री की नहीं, बल्कि मुख्य सेवक की है जो जनता के बीच जाकर उनकी बातों को न सिर्फ सुनता है बल्कि उन्हें समझता भी है और समाधान भी देता है। यही जुड़ाव, यही प्रतिबद्धता और यही ईमानदारी उन्हें उत्तराखंड के इतिहास में एक अलग पहचान देती है।

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