उत्तराखंड में आपदा प्रबंधन को लेकर सख्ती, सभी अस्पतालों को एक माह में बनाना होगा डिजास्टर मैनेजमेंट प्लान
मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने आपदा प्रबंधन विभाग की समीक्षा बैठक में दिए निर्देश, चारधाम यात्रा की सुरक्षा पर भी जोर

देहरादून। उत्तराखंड में आपदा प्रबंधन को लेकर सरकार सख्त होती दिख रही है। मुख्य सचिव श्री आनंद बर्द्धन ने सभी अस्पतालों को एक माह के भीतर डिजास्टर मैनेजमेंट प्लान तैयार करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि राज्य के अस्पतालों की आपदा से निपटने की क्षमता को लगातार मॉनिटर करना आवश्यक है। इस संदर्भ में सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास श्री विनोद कुमार सुमन को स्वास्थ्य विभाग के साथ समन्वय स्थापित करने के निर्देश दिए गए हैं।
मुख्य सचिव ने शुक्रवार को उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (यूएसडीएमए) के आईटी पार्क स्थित भवन में आयोजित समीक्षा बैठक में कहा कि उत्तराखंड भूकंप के लिहाज से जोन-4 और जोन-5 में आता है, इसलिए सतर्कता अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) के साथ मिलकर राज्यभर में मॉक ड्रिल करवाने पर बल दिया।
चारधाम यात्रा की सुरक्षा को लेकर सख्त निर्देश
मुख्य सचिव ने आगामी चारधाम यात्रा के दौरान यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए। उन्होंने रियल-टाइम वार्निंग सिस्टम लगाने, मौसम पूर्वानुमान को यात्रियों तक पहुँचाने और भूस्खलन संभावित क्षेत्रों में त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित करने को कहा। इसके अलावा, 10 आश्रय स्थलों के निर्माण की प्रक्रिया तेज करने के भी निर्देश दिए, जहां 300 यात्रियों को सुरक्षित ठहराया जा सकेगा।
स्कूलों और कॉलेजों में मॉक ड्रिल अनिवार्य
आपदा प्रबंधन को लेकर बच्चों को जागरूक करने के लिए राज्य के सभी निजी और सरकारी स्कूल-कॉलेजों में एक ही दिन मॉक ड्रिल आयोजित करने के निर्देश दिए गए हैं। यह अभ्यास प्रत्येक तीन माह में एक बार किया जाएगा।
भवन निर्माण नियमों में बदलाव के निर्देश
मुख्य सचिव ने कहा कि उत्तराखंड की भौगोलिक परिस्थिति को देखते हुए भवन निर्माण नियमों में आपदा प्रबंधन से संबंधित बदलाव किए जाएं। उन्होंने समुदाय स्तर पर आपदा से निपटने के लिए जागरूकता और प्रशिक्षण बढ़ाने की आवश्यकता पर भी बल दिया।
मुख्य सचिव ने एनडीएमए द्वारा चिन्हित 13 ग्लेशियर झीलों की सेटेलाइट मॉनिटरिंग को नियमित करने के निर्देश दिए ताकि संभावित खतरों को समय रहते टाला जा सके।