यूएसडीएमए में योग एवं स्वास्थ्य कार्यशाला आयोजित, प्राकृतिक चिकित्सा को बताया स्वस्थ जीवन की कुंजी
सांस पर नियंत्रण से विकसित होती है स्व-उपचार क्षमता, आयुर्वेदिक चिकित्सा कैंप का भी आयोजन

देहरादून। उत्तराखण्ड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (यूएसडीएमए) में सांझ संस्था के सहयोग से शुक्रवार को एक दिवसीय योग एवं स्वास्थ्य कार्यशाला का आयोजन किया गया। संस्था के संस्थापक श्री नवीन वार्ष्णेय ने ‘आदियोग सूत्र’ पर आधारित सांस लेने की विज्ञान-प्रणाली और प्राकृतिक स्वास्थ्य पद्धति पर विस्तार से जानकारी दी।
श्री वार्ष्णेय ने कहा कि “स्वास्थ्य प्रकृति की देन है और उपचार भी प्राकृतिक होना चाहिए।” उन्होंने बताया कि सही तरीके से सांस लेना ही स्वस्थ जीवन की कुंजी है। मन, सांस और चित्त पर नियंत्रण से शरीर में स्व-निदान, स्व-रक्षा और स्व-उपचार की क्षमता विकसित होती है। आधुनिक जीवनशैली में बढ़ते तनाव और असंतुलित दिनचर्या से जुड़ी बीमारियों को योग, प्राणायाम और नेचुरोपैथी से नियंत्रित किया जा सकता है।
उन्होंने चिंता व्यक्त की कि आज बच्चों में अवसाद की प्रवृत्ति बढ़ रही है। इसे रोकने के लिए मां का प्यार और पिता की प्रशंसा अत्यंत आवश्यक है। कार्यशाला में प्रतिभागियों ने दुख और तकलीफों के पीछे के विज्ञान को भी समझा।
इस अवसर पर सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास श्री विनोद कुमार सुमन ने कहा कि इस प्रकार की कार्यशालाएं मानसिक शांति और संतुलित जीवन की प्रेरणा देती हैं। वहीं सचिव आयुष श्री दीपेन्द्र कुमार चौधरी ने कहा कि आधुनिक चिकित्सा के साथ-साथ प्राकृतिक चिकित्सा, योग और ध्यान से शरीर की हीलिंग क्षमता को पुनः सक्रिय किया जा सकता है।
कार्यक्रम में यूएसडीएमए के अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी प्रशासन श्री आनंद स्वरूप, संयुक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी मो. ओबैदुल्लाह अंसारी, डॉ. के.के. पाण्डे सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे।
14 वर्षों के अनुसंधान का परिणाम
श्री वार्ष्णेय ने बताया कि आदियोग सूत्र विश्व की पहली ऐसी स्वास्थ्य प्रणाली है, जिसने 14 वर्षों के अनुसंधान से मानव पीड़ा के सार्वभौमिक पैटर्न को डिकोड किया है। यह प्रणाली लोगों को यह समझने में सक्षम बनाती है कि बीमारी क्यों होती है और कैसे प्राकृतिक चक्रों के अनुरूप जीवन जीने से स्वास्थ्य पुनर्स्थापित किया जा सकता है।
आयुर्वेदिक चिकित्सा कैंप
यूएसडीएमए में आयोजित मासिक प्राकृतिक चिकित्सा शिविर में अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री आनंद स्वरूप ने कहा कि आपदा प्रबंधन विभाग के कर्मचारी हर समय अलर्ट मोड पर रहते हैं और तनावपूर्ण परिस्थितियों में कार्य करते हैं। ऐसे में आयुर्वेद और नेचुरोपैथी उन्हें तनाव से मुक्ति दिलाने के साथ स्वस्थ जीवन की ओर अग्रसर करती है। शिविर में डॉ. नेहा जोशी (चिकित्साधिकारी, आयुष विंग), फार्मेसी अधिकारी नितिन कपरूवान ने कर्मचारियों को परामर्श दिया।