मुख्यमंत्री ने शहीद दिवस पर अर्पित की श्रद्धांजलि, कहा – “शहीदों का बलिदान सदैव रहेगा प्रेरणास्त्रोत”
अमर शहीद भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु की याद में "एक शाम देश के भगत के नाम" कवि सम्मेलन का आयोजन

देहरादून, 23 मार्च 2025 – मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शहीद दिवस के अवसर पर भारत माता के वीर सपूत अमर बलिदानी भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को नमन करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने रविवार को देहरादून के राजपुर रोड स्थित एक होटल में आयोजित “एक शाम देश के भगत के नाम” कवि सम्मेलन एवं सम्मान समारोह में प्रतिभाग किया।
शिव धरा फाउंडेशन द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम को मुख्यमंत्री ने शहीदों की स्मृति को जीवंत बनाए रखने का एक सच्चा प्रयास बताया। उन्होंने कहा, “इन महान क्रांतिकारियों ने अपने प्राणों की आहुति देकर देश की आज़ादी की नींव रखी। उनके अटूट संकल्प और अदम्य साहस के कारण ही भारत आज़ाद हुआ।”
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि भगत सिंह स्वतंत्रता को केवल अंग्रेज़ी हुकूमत से मुक्ति तक सीमित नहीं मानते थे, बल्कि वे भारत में सभी नागरिकों को समान अधिकार और अवसर मिलने की बात करते थे। इसी भावना को साकार करने के लिए उत्तराखंड सरकार ने समान नागरिक संहिता (UCC) लागू की है, जिससे राज्य के सभी नागरिकों के कानूनी अधिकार समान हो गए हैं।
उत्तराखंड विकास की नई ऊंचाइयों पर
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर अपने दूसरे कार्यकाल के तीन वर्ष पूरे होने का जिक्र करते हुए कहा कि उत्तराखंड सरकार राज्य के समग्र विकास के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकसित भारत के संकल्प को साकार करने के लिए उत्तराखंड भी पूरी निष्ठा से योगदान दे रहा है।”
समाजसेवियों और कवियों का सम्मान
इस समारोह में समाजसेवा और साहित्य के क्षेत्र में योगदान देने वाले कई व्यक्तियों को सम्मानित किया गया। मुख्यमंत्री ने स्वामी विनायक, सुश्री पल्लवी पटेल, अखिलेश अग्रवाल, श्रीमती प्राची कंडवाल और संजीव गोयल को समाजसेवा के लिए सम्मानित किया। साथ ही, प्रसिद्ध कवि डॉ. हरिओम पंवार, अमित शर्मा, कुशल कुशवाहा, महिमा श्री और श्रीकांत श्री को भी उनकी साहित्यिक सेवाओं के लिए सम्मानित किया गया।
इस कार्यक्रम में कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी, दून विश्वविद्यालय की कुलपति डॉ. सुरेखा डंगवाल, शिव धरा फाउंडेशन के लल्लन सिंह, विशाल जिंदल, उमेश पटेल और मयंक सिंह गौर सहित बड़ी संख्या में गणमान्य लोग उपस्थित थे।
देशभक्ति से ओत-प्रोत रहा कार्यक्रम
कार्यक्रम के दौरान कवियों ने देशभक्ति की कविताएं प्रस्तुत कीं, जिससे वातावरण देश प्रेम की भावना से भर गया। मुख्यमंत्री ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि इस तरह के आयोजन आने वाली पीढ़ियों को देश के शहीदों के बलिदान से प्रेरणा लेने का संदेश देंगे।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का यह कार्यक्रम केवल श्रद्धांजलि तक सीमित नहीं था, बल्कि उन्होंने स्वतंत्रता सेनानियों के सपनों को साकार करने के लिए सरकार की योजनाओं और संकल्पों को भी साझा किया। उनके अनुसार, 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संकल्प को पूरा करने में उत्तराखंड अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।