Opinion

निर्भया 2012 से निर्भया २०२४……………..

क्या सचमुच बदला देश या अभी और भी निर्भया बाकी हैं ....

बेटी बचाई, बेटी पढ़ाई,
डॉक्टर भी बनाई, फिर भी बेटी सुरक्षित ना रह पायी

निर्भया 2012 , एक ऐसा दर्दनाक वाकया जिसने पुरे देश की आत्मा को झिझोड़ का रख दिया. ऐसा लगा कि मानो निर्भया पुरे देश कि माँ- बहन और बेटी थी. हर तरफ से निर्भया को इन्साफ दिलाने कि आवाज उठने लगी और शायद तभी हमारा सिस्टम – हमारी न्यायपालिका जाएगी और देर से ही सही लेकिन आरोपियों को उनके कुकर्मो की सजा मिल पायी. शायद वो जनता की आवाज का ही असर था वार्ना हमारे सिस्टम और न्यायपलिका की कार्यप्रणाली तो विश्वप्रसिद्ध है जहाँ इन्साफ मिलने की गारंटी हो या ना हो तारिख मिलने की गारंटी जरूर होती है.लेकिन यहाँ से एक सवाल पैदा होता है कि आखिर निर्भया 2012 के बाद कितना बदला हमारा देश ….. अगर किसी के पास है जवाब तो एक बार फिर से सोच लो क्यूंकि निर्भया के बाद कन्नौज, हाथरस, अयोधया और अब कोलकत्ता और एक बार फिर बेचारा लाचार मासूम हमारा सिस्टम जिसने ये सब फिर एक बार होने दिया. और तो और कोलकत्ता के बाद देहरादून में ही ISBT पर एक नाबालिक के साथ पांच लोगो ने गैंगरेप किया और रुद्रपुर में एक नर्स के साथ रेप के बाद हत्या.
आखिर किस और जा रहा है हमारा समाज और ये शासन प्रशासन और न्यायपालिका कर क्या रहीं है कौन सा सख्त कानून बनाया और अगर बनाया तो क्या लागू हुआ और अगर लागू भी हुआ तो क्या जनता में इसका डर है. शायद सभी सवालों का उत्तर ना हैं. क्यूंकि हम ही कमजोर हैं और इसका फायदा शासन प्रशासन और न्यायपालिका में आसीन अधिकारी उठा रहे हैं. ये वो लोग हैं जिनके घर हमारे टैक्स के पैसों से चार रहें हैं लेकिन ये हमारे प्रति उत्तरदायी नहीं हैं.जिम्मेदार है वो नेता जिनको चुन कर हम लोग संसद और विधानसभा में भेजते हैं लेकिन वो अपनी जेबें भरने और अपनी राजनीती चमकनी में ही व्यस्त नज़र आते है
उदहारण के लिए समझिये कि कोलकत्ता काण्ड के बाद पछिम बंगाल के मुख्यमंत्री का इस्तीफा मांगने वाली बीजेपी क्या नैतिकता के आधार पर उत्तरखंड के मुख्यमंत्री का इस्तीफा लेगी …..नहीं आखिर क्यों ये दोहरे मापदंड और शायद इन्ही दोहरे मापदंडो के कारण ही इस देश में निर्भया सुरक्षित नहीं है. आखिर कितनी और निर्भया चाहिए इस देश के शाशन, प्रशासन न्यायपालिकाओं और नेताओं को ….
आखिर कब नींद से जागेंगे ये कुम्भकरण … ये फैसला आपका है हमारा है क्युकि हमने ही इनको उस जगह भेजा है जहाँ से हमारे अच्छे दिनों कि शुरुआत होनी चाहिए …

                                                                                                                             —  A father of a Daughter

Todays News Update

Today's News Update is a dynamic online news platform committed to delivering timely and accurate news coverage across various topics, including politics, technology, business, entertainment, and more. Our mission is to empower readers with insightful and engaging content that keeps them informed and connected to the world. Visit us at Today's News Update for the latest updates.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button