उत्तर भारत की पहली एआर-वीआर लैब स्थापित — चिकित्सा शिक्षा में नया अध्याय
स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय जौलीग्रांट में ‘सिम्यूलस-10’ का भव्य शुभारंभ

डोईवाला, 4 अक्टूबर 2025।
स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय (एसआरएचयू), जौलीग्रांट ने चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। विश्वविद्यालय में उत्तर भारत की पहली एआर-वीआर (ऑगमेंटेड और वर्चुअल रियलिटी) आधारित मेडिकल लैब — “लेबोरेटरी फॉर इमर्सिव मेडिकल एजुकेशन (LIME)” की स्थापना की गई है। इस अत्याधुनिक लैब का उद्घाटन नीति आयोग के सदस्य डॉ. वी. के. पॉल द्वारा किया गया।
यह लैब चिकित्सा विद्यार्थियों, डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों को सिमुलेशन तकनीक के माध्यम से वास्तविक परिस्थितियों का अनुभव कराते हुए प्रशिक्षित करने में मदद करेगी। एआर-वीआर तकनीक के माध्यम से मेडिकल प्रशिक्षण अधिक व्यावहारिक, सुरक्षित और रोगी-केंद्रित बन सकेगा।
सिम्यूलस-10 सम्मेलन का भव्य शुभारंभ
हिमालयन इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (HIMS), जौलीग्रांट में आयोजित ‘सिम्यूलस-10’ सम्मेलन का उद्घाटन दीप प्रज्ज्वलन और गुरु वंदना के साथ हुआ। इस अवसर पर नीति आयोग के सदस्य डॉ. विनोद के. पॉल मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे।
उन्होंने कहा, “भारत स्वास्थ्य शिक्षा में विश्वस्तरीय मानक स्थापित कर रहा है, और सिमुलेशन आधारित प्रशिक्षण इस दिशा में एक बड़ा कदम है। एसआरएचयू द्वारा स्थापित एआर-वीआर लैब चिकित्सा प्रशिक्षण को नई दिशा प्रदान करेगी।”
कार्यक्रम के दौरान सम्मेलन की स्मारिका एवं नवजात देखभाल हेतु सिमुलेशन पुस्तिका (डब्ल्यूएचओ-सीसी, एम्स नई दिल्ली द्वारा विकसित) का विमोचन भी किया गया।
विश्वविद्यालय की पहल — तकनीक और मानवीयता का संगम
एसआरएचयू के अध्यक्ष डॉ. विजय धस्माना ने कहा,
“विश्वविद्यालय सदैव तकनीकी नवाचार और मानवीय मूल्यों के संतुलन को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है। सिमुलेशन तकनीक चिकित्सकों और नर्सों को वास्तविक परिस्थितियों के लिए तैयार करती है, जिससे रोगी सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा सके।”
आयोजन समिति के अध्यक्ष डॉ. अशोक देवराड़ी ने बताया कि इस वर्ष का थीम — “क्वॉलिटी और सेफ़्टी के लिए हेल्थकेयर सिमुलेशन” — है। उन्होंने कहा कि सिम्यूलस-10 चिकित्सा क्षेत्र की गुणवत्ता और दक्षता को सशक्त बनाने की दिशा में ऐतिहासिक पहल है।
उल्लेखनीय उपस्थिति
कार्यक्रम में डॉ. विनय नदकर्णी (यूनिवर्सिटी ऑफ पेनसिल्वेनिया), डॉ. विजयानंद जमालपुरी (अध्यक्ष, पेडीस्टर्स), डॉ. विजेंद्र चौहान, डॉ. रेनू धस्माना सहित देश-विदेश के कई विशेषज्ञ, प्रतिनिधि और विश्वविद्यालय परिवार के वरिष्ठ सदस्य उपस्थित रहे।