उत्तराखंड ने देश का पहला सकल पर्यावरण सूचकांक (GEP) किया लॉन्च
CM धामी ने कहा- पर्यावरण संरक्षण हम सभी की जिम्मेदारी

देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज उत्तराखंड में पारिस्थितिकी को अर्थव्यवस्था से जोड़ने के लिए ‘उत्तराखंड सकल पर्यावरण उत्पाद सूचकांक’ (GEP) लॉन्च किया। इस सूचकांक का शुभारंभ करने वाला उत्तराखंड देश का पहला राज्य बन गया है।
GEP का आंकलन चार मुख्य घटकों- जल, वायु, वन, और मृदा के आधार पर किया गया है। मुख्यमंत्री धामी ने बताया कि GEP के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए एक विशेष प्रकोष्ठ का गठन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि GEP लागू होने से इकोलॉजी और इकोनॉमी के बीच बेहतर सामंजस्य स्थापित होगा।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि इस सूचकांक के परिणामों के विश्लेषण से भविष्य में पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में लक्ष्य निर्धारित करने में मदद मिलेगी और लोगों में पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता बढ़ेगी। उन्होंने उत्तराखंड की वन संपदा के सदुपयोग की आवश्यकता पर भी जोर दिया और वृक्षारोपण के साथ जल स्रोतों के पुनर्जीवीकरण पर तेजी से काम करने की बात कही।
मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य में जल संरक्षण के लिए तेजी से कार्य किए जा रहे हैं और अमृत सरोवरों की संख्या में वृद्धि की जा रही है। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को जल स्तर बढ़ाने के प्रयासों को निरंतर जारी रखने के निर्देश दिए।
उन्होंने यह भी घोषणा की कि 16 जुलाई से 15 अगस्त तक राज्य में वृक्षारोपण अभियान चलाया जा रहा है, जिसके तहत 1 लाख 64 हजार पौधे लगाए जाएंगे। हरेला पर्व पर 50 लाख पौधे लगाने का लक्ष्य रखा गया था।
बैठक में हैस्को संस्था के प्रमुख पद्मभूषण डॉ. अनिल प्रकाश जोशी ने सकल पर्यावरण उत्पाद सूचकांक का प्रस्तुतीकरण किया। उन्होंने बताया कि विकासपरक योजनाओं, औद्योगिक प्रक्रियाओं और सरकारी नियमों का पर्यावरणीय गुणवत्ता पर जो प्रभाव पड़ता है, उसे GEP सूचकांक में देखा जा सकता है।
इस अवसर पर वन मंत्री सुबोध उनियाल, उपाध्यक्ष अवस्थापना अनुश्रवण परिषद विश्वास डाबर, मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, प्रमुख सचिव आर. के सुधांशु, प्रमुख वन संरक्षक डॉ. धनंजय मोहन, विशेष सचिव डॉ. पराग मधुकर धकाते, महानिदेशक यूकॉस्ट प्रो. दुर्गेश पंत और अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।