Uttarakhand

Uttarakhand News: सीएम धामी ने अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य अर्पित कर प्रदेशवासियों की सुख-समृद्धि की कामना की, कहा— यह पर्व आस्था और पवित्रता का प्रतीक है…..

ऊधमसिंह नगर। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज पूर्वांचल सेवा समिति द्वारा ऊधमसिंह नगर जनपद के खटीमा में आयोजित सूर्य षष्ठी व्रत महोत्सव (छठ पूजा) के कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि प्रतिभाग किया। कार्यक्रम में पहुंचकर मुख्यमंत्री ने अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य दिया। उन्होंने प्रदेश की सुख, समृद्धि व खुशहाली की कामना की।

सनातन संस्कृति की उज्ज्वल परंपरा का प्रतीक

इस दौरान मुख्यमंत्री ने जनता को सम्बोधित करते हुए कहा कि आज का यह पावन पर्व हमारी सनातन संस्कृति की उस उज्ज्वल परंपरा का प्रतीक है, जिसमें आस्था, अनुशासन, तपस्या और प्रकृति के प्रति कृतज्ञता एक साथ दिखाई देती है। छठ पूजा केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि ये जीवन मूल्यों और पारिवारिक संस्कारों का महापर्व है। यह पर्व हमें प्रकृति और पर्यावरण के महत्व के बारे में भी बताता है।

छठ महापर्व महान संस्कृति का प्रत्यक्ष प्रमाण

मुख्यमंत्री ने कहा कि छठ महापर्व भारत की उस महान संस्कृति का भी प्रत्यक्ष प्रमाण है, जिसमें ढलते सूर्य के साथ ही उगते सूर्य को भी अर्घ्य अर्पित किया जाता है, जो अपने आप में अनोखा अनुभव है। छठ पर्व की विशेषता है कि लोक आस्था का पर्व हर वर्ग और क्षेत्र के लोग अत्यंत श्रद्धा के साथ मनाते हैं। चाहे बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश हो या हमारा उत्तराखण्ड, आज पूरे देश में छठ पर्व पूर्ण आस्था के साथ मनाया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कुशल नेतृत्व और मार्गदर्शन में भारत के विकास और सनातन संस्कृति का वैभव आज चारों ओर दिखाई दे रहा है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार भी आदरणीय मोदी जी से प्रेरणा लेकर देवभूमि के चहुंमुखी विकास के लिए निरन्तर कार्यरत है।

आप सभी मेरा परिवार हैं

मुख्यमंत्री ने कहा कि खटीमा तो मेरा घर ही है और आप सभी मेरा परिवार हैं, यहीं से मैंने जनसेवा की यात्रा आरंभ की थी और इस क्षेत्र की प्रत्येक गली-प्रत्येक गाँव मेरे दिल के करीब है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ने खटीमा में स्वास्थ्य, शिक्षा, पेयजल से लेकर बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। हमने जहां एक ओर खटीमा में हाईटेक बस स्टैंड, आधुनिक आईटीआई और पॉलीटेक्निक कॉलेज तथा 100 बेड के नए अस्पताल परिसर का निर्माण कर बुनियादी सुविधाओं को मजबूत किया है। वहीं, औद्योगिक विकास को गति देने के साथ ही युवाओं की खेल प्रतिभा को निखारने हेतु राष्ट्रीय स्तर के अत्याधुनिक खेल स्टेडियम का निर्माण भी कराया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि क्षेत्र में कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने हेतु हमने गदरपुर और खटीमा बाईपास का निर्माण, नौसर में पुल के निर्माण के साथ-साथ पूरे क्षेत्र में सड़कों का व्यापक नेटवर्क विकसित किया है। यही नहीं, हाल ही में हमारी सरकार ने खटीमा और टनकपुर के बीच एक भव्य सैन्य स्मारक बनाने की भी घोषणा की है, जिस पर जल्द ही कार्य प्रारंभ हो जाएगा।मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने एक ओर जहां राजकीय महाविद्यालय खटीमा में एमकॉम और एमएससी की कक्षाएं शुरू कराई हैं, वहीं जनजाति बाहुल्य क्षेत्र में एकलव्य विद्यालय का संचालन भी किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आगे भी खटीमा के विकास में कोई कमी नहीं आने दी जायेगी। हमारी सरकार प्रदेश के प्रत्येक वर्ग के कल्याण के लिए पूर्ण प्रतिबद्धता के साथ निरंतर कार्य कर रही है। इसी का परिणाम है कि आज हमारा राज्य नीति आयोग की एसडीजी इंडेक्स रिपोर्ट में सतत विकास के लक्ष्यों को प्राप्त करने में पूरे देश में प्रथम स्थान पर पहुंचा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि युवाओं को रोजगार देने में भी हम अग्रणी राज्य बनकर उभरे हैं, हमने एक वर्ष में बेरोजगारी दर में रिकॉर्ड 4.4 प्रतिशत की कमी लाने में सफलता प्राप्त की है, जो राष्ट्रीय औसत से भी अधिक है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार देवभूमि उत्तराखण्ड के सांस्कृतिक मूल्यों और डेमोग्राफी को संरक्षित रखने के प्रति भी पूर्ण रूप से संकल्पबद्ध है। इसी संकल्प के साथ, हमने जहां एक ओर प्रदेश में लैंड जिहाद, लव जिहाद और थूक जिहाद जैसी घृणित मानसिकता के खिलाफ कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित की है, वहीं हमनें राज्य में सख्त दंगारोधी और धर्मांतरण विरोधी कानूनों को भी लागू किया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने प्रदेश में लैंड जिहाद पर कड़ी कार्रवाई करते हुए नौ हजार एकड़ से अधिक सरकारी भूमि को लैंड जिहादियों से मुक्त कराया है। उन्होंने कहा कि हमने प्रदेश में “ऑपरेशन कालनेमि” भी प्रारंभ किया है, जिसके माध्यम से हम राज्य में सनातन धर्म को बदनाम करने वाले पाखंडियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर रहे हैं। इसके अतिरिक्त, हमने राज्य हित में भी कई ऐतिहासिक फैसले लिए हैं, जिनको पूर्ववर्ती सरकारें अपने अपने राजनीतिक गुणाभाग के चक्कर में ठंडे बस्ते में डाल दिया करती थीं।

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