Uttarakhand

Uttarakhand News- धामी सरकार का जोर: औषधि नियमन प्रणाली को तकनीकी रूप से सशक्त बनाने की पहल, औषधि नियंत्रण अधिकारियों को दी गई नवीन जानकारी….

देहरादून. खाद्य संरक्षा और औषधि प्रशासन (FDA) के कार्यालय में आज औषधि नियमन प्रणाली को तकनीकी रूप से सुदृढ़ करने और अधिकारियों के क्षमता निर्माण के लिए एक दिवसीय राज्यस्तरीय कार्यशाला आयोजित की गई. इस कार्यशाला का आयोजन ड्रग कंट्रोल ऑफिसर्स (आई) वेलफेयर एसोसिएशन और डीसीजीआई डब्ल्यूयू उत्तराखण्ड चैप्टर द्वारा संयुक्त रूप से किया गया. कार्यक्रम में औषधि नियमन से जुड़े वरिष्ठ अधिकारियों, विशेषज्ञों एवं औद्योगिक प्रतिनिधियों ने सक्रिय सहभागिता की.

कार्यक्रम का उद्घाटन सचिव चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण व आयुक्त एफडीए डॉ. आर. राजेश कुमार ने किया. इस अवसर उन्होंने कहा कि आज के समय में दवाओं की गुणवत्ता केवल स्वास्थ्य ही नहीं, बल्कि सामाजिक विश्वास से भी जुड़ी है. यह हमारी ज़िम्मेदारी है कि बाजार में उपलब्ध हर दवा सुरक्षित, प्रभावी और वैज्ञानिक मानकों पर खरी उतरे. नियामक अधिकारियों को निरंतर प्रशिक्षित करना और तकनीकी दृष्टि से सशक्त करना इस दिशा में अत्यंत आवश्यक कदम है.

मुख्य वक्ता कोठेवर राव ने औषधि नियमन की मौजूदा चुनौतियों और डीसीजीआई (आईडब्ल्यूयू) की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि दवा नियंत्रण अधिकारियों को विधिक प्रावधानों के साथ-साथ तकनीकी नवाचारों से भी अपडेट रहना चाहिए, ताकि वे प्रभावी नियमन सुनिश्चित कर सकें. पूर्व एफडीए नियंत्रक एन.के. आहूजा ने दवाओं के नमूना विश्लेषण, जीएमपी (गुड मैन्युफैक्चरिंग प्रैक्टिस) और लेबलिंग मानकों पर विस्तृत व्याख्यान दिया. उन्होंने अधिकारियों को लेबलिंग से जुड़े व्यावहारिक पहलुओं से अवगत कराया.

अपर आयुक्त (खाद्य एवं औषधि) ताजदर सिंह जग्गी ने कहा कि हमारा प्रयास है कि उत्तराखण्ड में औषधि नियंत्रण व्यवस्था को और अधिक पारदर्शी, उत्तरदायी और तकनीकी रूप से सक्षम बनाया जाए. इस दिशा में विभाग, उद्योग और विशेषज्ञों के बीच निरंतर संवाद और सहयोग अत्यंत आवश्यक है.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button