वर्षांत समीक्षा 2024: महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की प्रमुख उपलब्धियां
सशक्त नारी, सुरक्षित बचपन – 2024 में महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की प्रभावशाली पहलें

महिला एवं बाल विकास मंत्रालय वर्ष 2024 में अपनी उपलब्धियों और पहलों की व्यापक समीक्षा प्रस्तुत है। मंत्रालय ने महिलाओं और बच्चों को सशक्त बनाने, समावेशी विकास, सुरक्षा और कल्याण सुनिश्चित करने के अपने मिशन को जारी रखा है। इसके प्रमुख मिशनों और उनके प्रभावों का विस्तृत विवरण नीचे दिया गया है।
मिशन सक्षम आंगनवाड़ी और पोषण 2.0
मिशन सक्षम आंगनवाड़ी और पोषण 2.0 में कुपोषण से निपटने के लिए जीवन चक्र दृष्टिकोण अपनाया गया है जिसमें पर्याप्त पोषण, प्रारंभिक बाल्यावस्था विकास और प्रौद्योगिकी एकीकरण पर विशेष ध्यान दिया जाता है।
मुख्य उपलब्धियां:
- आंगनवाड़ी केंद्रों (एडब्ल्यूसी) का उन्नयन:
- रचनात्मक, सामाजिक, भावनात्मक और संज्ञानात्मक विकास को बढ़ावा देने के लिए सक्षम आंगनवाड़ियों के रूपांतरण के लिए 1.7 लाख आंगनवाड़ी केंद्रों को मंजूरी दी गई।
- दिसंबर 2024 तक 15,728 आंगनवाड़ियों का उन्नयन किया गया।
- 30 सितंबर 2024 को 11,000 से अधिक सक्षम आंगनवाड़ियों का उद्घाटन किया गया।
- नवाचार के माध्यम से पोषण:
- पोषण ट्रैकर: सेवा प्रदायगी में सुधार के लिए तत्क्षण डेटा के साथ 10 करोड़ से अधिक लाभार्थियों (गर्भवती महिलाओं, स्तनपान कराने वाली माताओं और बच्चों) को ट्रैक करता है।
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- तीव्र कुपोषण का समुदाय-आधारित प्रबंधन (सीएमएएम):बच्चों में कुपोषण की पहचान करने और उसे दूर करने के लिए मॉड्यूल शामिल किया गया।
- फोर्टिफाइड चावल का वितरण: सूक्ष्म पोषक तत्वों की पर्याप्तता में सुधार लाने के लिए 12.87 लाख मीट्रिक टन से अधिक चावल आवंटित किया गया।
- व्यवहार परिवर्तन के लिए जन आंदोलन:
- समुदाय आधारित कार्यक्रम, पोषण माह और पोषण पखवाड़ा में पोषण जागरूकता को बढ़ावा देने के लिए लाखों लोगों ने भाग लिया।
- 2024 में 30 करोड़ से अधिक सामुदायिक संवेदीकरण गतिविधियां आयोजित की गईं।
- 7वां राष्ट्रीय पोषण माह 1 से 30 सितंबर 2024 तक मनाया गया, जिसका शुभारंभ 31 अगस्त 2024 को, गांधीनगर, गुजरात से महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती अन्नपूर्णा देवी और गुजरात के मुख्यमंत्री श्री भूपेंद्र भाई पटेल द्वारा किया गया। इस माह के दौरान मुख्य फोकस एनीमिया, वृद्धि निगरानी, पूरक आहार, ‘पोषण भी पढ़ाई भी’ और बेहतर प्रशासन हेतु तकनीक के उपयोग पर केंद्रित था। अभियान के तहत ‘पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए ‘एक पेड़ मां के नाम’ पहल भी चलाई गई, जिसमें सभी आंगनवाड़ी केंद्रों पर वृक्षारोपण को प्रोत्साहित किया गया। राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा 13 करोड़ से अधिक गतिविधियों की रिपोर्ट करने के साथ, यह माहव्यापी अभियान 30 सितंबर 2024 को रांची, झारखंड में आयोजित समापन समारोह के साथ संपन्न हुआ, जिसमें झारखंड के राज्यपाल श्री संतोष गंगवार और महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती अन्नपूर्णा देवी उपस्थित रहीं।
- प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल और शिक्षा (ईसीसीई): एमडब्ल्यूसीडी ने राष्ट्रीय रूपरेखा और पाठ्यक्रम जारी किया, जिसका नाम है:
- आधारशिला- प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल और शिक्षा के लिए राष्ट्रीय पाठ्यक्रम (3 से 6 वर्ष) 2024
- नवचेतना- प्रारंभिक बाल्यावस्था प्रोत्साहन के लिए राष्ट्रीय रूपरेखा (जन्म से 3 वर्ष तक) 2024
- पोषण भी पढ़ाई भी की शुरूआत- एमडब्ल्यूसीडी द्वारा ईसीसीई कार्यक्रम आधारशिला और नवचेतना द्वारा निर्देशित है। दो-स्तरीय प्रशिक्षण मॉडल लागू किया जा रहा है।
- निपसिड द्वारा राज्य स्तरीय मास्टर ट्रेनर्स (एसएलएमटी) के लिए दो दिवसीय प्रशिक्षण: अब तक 28,301 एसएलएमटी प्रशिक्षित
- आंगनवाड़ी कार्यकर्त्रियों (एडब्ल्यूडब्ल्यू) के लिए तीन दिवसीय प्रशिक्षण: अब तक 107,349 एडब्ल्यूडब्ल्यू प्रशिक्षित
- पोषण उत्सव: पोषण उत्सव पुस्तक का विमोचन
- महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने 29 फरवरी 2024 को पोषण उत्सव का आयोजन किया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य अच्छे पोषण व्यवहार को बढ़ावा देना और अच्छी पोषण प्रथाओं को बढ़ावा देकर कुपोषण से निपटने के लिए भारत के चल रहे प्रयासों पर प्रकाश डाला। तत्कालीन महिला एवं बाल विकास मंत्री और बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन (बीएमजीएफ) के सह-अध्यक्ष ने इस कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई।
- इस कार्यक्रम में महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा परिकल्पित ‘पोषण उत्सव पुस्तक’ का विमोचन किया गया, जिसे दीनदयाल शोध संस्थान (डीआरआई) द्वारा क्यूरेट किया गया है। यह पुस्तक प्राचीन पोषण परंपराओं को पुनर्जीवित करने, ज्ञान के आदान-प्रदान और एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक सीखने की सुविधा प्रदान करने का प्रयास करती है। यह देश की समृद्ध पाक विरासत और पोषण विविधता की सराहना के लिए एक व्यापक भंडार के रूप में भी काम करती है। इस अवसर पर 11 भाषाओं में पोषण कॉमिक बुक भी जारी की गई और सभी आंगनवाड़ी केंद्रों को इसकी एक प्रति भेजी गई।
- “पोषण से पढ़ाई तक- एमडब्ल्यूसीडी की पहल”- प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल और शिक्षा (ईसीसीई) और ईसीसीई के लिए मंत्रालय द्वारा की गई पहल पर एक पैनल चर्चा 1 मार्च 2024 को आयोजित की गई, जिसका प्रसारण CNBC TV 18 द्वारा किया गया।
- पोषण एटलस:
- मार्च 2024 में, महिला और बाल विकास मंत्रालय ने बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन (बीएमजीएफ) के साथ साझेदारी में ‘पोषण एटलस’ नामक एक अनूठा और निःशुल्क एप्लिकेशन लॉन्च किया। इस ऐप के माध्यम से टीवी चैनल, शैक्षिक खेल, पोषण संबंधी सुझाव और एक न्यूट्रीमीटर जैसी विभिन्न इंटरैक्टिव सुविधाएं आसानी से मिल जाती हैं जो आपके भोजन के पोषण मूल्य की गणना करने में मदद करती हैं। इस ऐप को गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड किया जा सकता है। तत्कालीन महिला एवं बाल विकास मंत्री ने इसका अनावरण किया था।
मिशन शक्ति
मिशन शक्ति में सामर्थ्य और संबल घटकों को जोड़ा गया है जिसमें अभिनव योजनाओं और पहलों के माध्यम से महिलाओं की सुरक्षा, संरक्षा और सशक्तिकरण सुनिश्चित किया जाता है।
संबल: महिलाओं की सुरक्षा और सहायता
- वन-स्टॉप सेंटर (ओएससी):
- 785 जिलों में कार्यशील 802 ओएससी 10.43 लाख महिलाओं की सहायता कर रहे हैं।
- अस्थायी आश्रय और समर्पित आपातकालीन वाहनों का प्रावधान शामिल किया गया।
- महिला हेल्पलाइन (डब्ल्यूएचएल):
- 1.99 करोड़ कॉल्स का समाधान किया गया, 82.68 लाख महिलाओं को सहायता मिली।
- निर्बाध प्रतिक्रिया के लिए 35 राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों में ईआरएसएस-112 और चाइल्ड हेल्पलाइन के साथ एकीकृत।
- बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ (बीबीबीपी):
- जन्म के समय लिंग अनुपात (एसआरबी): 918 (2014-15) से बढ़कर 930 (2023-24) हुआ।
- बालिकाओं की शिक्षा: माध्यमिक विद्यालय में नामांकन 75.5% (2014-15) से बढ़कर 79.4% (2021-22) हो गया।
- नारी अदालत:
- प्रायोगिक कार्यान्वयन: असम और जम्मू और कश्मीर में 50-50 ग्राम पंचायतों (जीपी) में सफलतापूर्वक प्रयोग किया गया।
केस समाधान सफलता:
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- असम: वित्त वर्ष 2023-24 में 102 में से 76 मामले हल किए गए।
- जम्मू और कश्मीर: 180 में से 144 मामले हल किए गए।
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- विस्तार योजनाएं: इस पहल को अब बिहार और कर्नाटक में 10 जीपी में पायलट किया जा रहा है।
सामर्थ्य: महिला सशक्तीकरण की पहलें
- प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (पीएमएमवीवाई):
- मोबाइल ऐप और पीएमएमवीवाईसॉफ्ट एमआईएस पोर्टल लॉन्च किए जाने से आवेदन प्रक्रिया पूरी तरह से कागज रहित हो गई।
- वित्तीय सहायता: दिसंबर 2024 तक 3.69 करोड़ लाभार्थियों को ₹16,418.12 करोड़ संवितरित किए गए।
- शक्ति सदन:
- दुर्रव्यवहार की शिकार महिलाओं सहित संकटग्रस्त महिलाओं के लिए एकीकृत राहत और पुनर्वास योजना।
- प्रभाव: 404 कार्यशील शक्ति सदन गृहों से 11,196 महिलाएं लाभान्वित हो रही हैं।
- सखी निवास:
- कामकाजी महिला छात्रावास बच्चों के लिए सुरक्षित आवास और डेकेयर सुविधाएं प्रदान कर रहे हैं।
- स्थिति: 523 छात्रावास चालू हैं, 26,306 महिलाएं लाभान्वित हो रही हैं।
- आंगनवाड़ी-सह-क्रेच (पालना):
- बच्चों के लिए सुरक्षित वातावरण प्रदान करता है, पोषण और संज्ञानात्मक विकास सुनिश्चित करता है।
- स्थिति: 19 राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों में 1,241 आंगनवाड़ी-सह-क्रेच कार्यशील हैं, जिनसे 20,991 बच्चे लाभान्वित हो रहे हैं।
- संकल्प – एचईडब्ल्यू (स्वास्थ्य, शिक्षा और कार्यबल सशक्तीकरण):
- इसका उद्देश्य महिलाओं को शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा, वित्तीय समावेशन, उद्यमिता और डिजिटल साक्षरता के लिए संस्थागत सहायता प्रणालियों से जोड़ना है।
- स्थिति: 35 राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों के 742 जिलों में कार्यशील।
मिशन वात्सल्य: बाल कल्याण और संरक्षण
- गैर-संस्थागत देखभाल: गैर-संस्थागत देखभाल कार्यक्रमों के तहत में सहायता प्राप्त करने वाले बच्चों में 40% की वृद्धि जिससे वर्ष 2024-25 में 1.7 लाख बच्चे लाभान्वित होंगे।
- चाइल्ड हेल्पलाइन एकीकरण: सभी 36 राज्यों/ संघ राज्य क्षेत्रों के 669 जिलों में हेल्पलाइन कार्यशील और इसकी सेवाएं स्वचालित।
विशेष अभियान और पहल
1. सुपोषित ग्राम पंचायत अभियान:
- कुपोषण को खत्म करने और पोषण परिणामों में सुधार तथा जमीनी स्तर पर भागीदारी को बढ़ावा देने के लिए दिनांक 26 दिसंबर, 2024 को शुरू किया गया।
2. प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार (पीएमआरबीपी):
- दिनांक 26 दिसंबर 2024 को, 17 बच्चों को बहादुरी, नवाचार, खेल और कला में असाधारण उपलब्धियों के लिए भारत के राष्ट्रपति द्वारा सम्मानित किया गया।
3. वीर बाल दिवस (26 दिसंबर 2024):
- प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने साहिबजादों के साहस और बलिदान के जश्न मनाया, युवाओं को बहादुरी और अनुकूलन के मूल्यों से प्रेरित किया।
- स्वतंत्रता दिवस 2024: नारी शक्ति को सलाम
- 78वें स्वतंत्रता दिवस समारोह के दौरान लाल किले पर विशेष अतिथि के रूप में देश भर के विभिन्न क्षेत्रों के नायकों को सम्मानित किया गया।
- प्रधानमंत्री का संबोधन:
- वायु सेना, विज्ञान और उद्यमशीलता जैसे क्षेत्रों में महिलाओं की उत्कृष्टता को मान्यता दी गई।
- मातृत्व अवकाश को 26 सप्ताह तक बढ़ाने और स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से 10 करोड़ महिलाओं की वित्तीय स्वतंत्रता जैसी परिवर्तनकारी नीतियों पर प्रकाश डाला गया।
6. विकसित भारत के लिए महिलाओं का सशक्तीकरण :
- महिला एवं बाल विकास मंत्री माननीय श्रीमती अन्नपूर्णा देवी ने महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए मंत्रालय की प्रतिबद्धता को दोहराया और उन्हें भारत की प्रगति के स्तंभ के रूप में मान्यता दी।
- श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के साथ मिलकर 30 जनवरी 2024 को विकसित भारत के लिए कार्यबल में महिलाएं नामक एक संयुक्त कार्यक्रम “सक्षम नारी सशक्त भारत” आयोजित किया गया।
- इसका उद्देश्य महिला श्रम बल भागीदारी को बढ़ावा देने में उनकी सक्रिय भूमिका के लिए सीआईआई, फिक्की, एसोचैम एवं पीएचडीसीसीआई जैसे उद्योग संगठनों के साथ जुड़ना था।
- क्रेच (संचालन और प्रबंधन) के लिए राष्ट्रीय न्यूनतम मानक और प्रोटोकॉल जारी किया गया। इसके अलावा, 3 एडवाइजरी अर्थात्: आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय द्वारा सीपीडब्ल्यूडी/एनबीसीसी में कार्यबल में महिलाओं की भागीदारी को प्रोत्साहित करने, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा राजमार्ग निर्माण में कार्यबल में महिलाओं की भागीदारी को प्रोत्साहित करने, श्रम एवं रोजगार मंत्रालय द्वारा महिला कार्यबल भागीदारी (लैंगिक समानता तथा महिलाओं के आर्थिक सशक्तीकरण को बढ़ावा देना) बढ़ावा देने के लिए नियोक्ताओं के लिए जारी किए गए ।
- 100 दिन का अभियान:
- दिनांक 21 जून 2024 से 4 अक्टूबर, 2024 तक शुरू किए गए 100 दिनों के विशेष अभियान के दौरान, महिला सशक्तीकरण केंद्र (एचईडब्ल्यू) के माध्यम से 7.8 लाख से अधिक महिलाओं की सहायता की गई।
- महिला-नेतृत्व वाले विकास से संबंधित बजट घोषणा:
- दिनांक 23 जुलाई,2024 को प्रस्तुत केंद्रीय बजट में, सरकार ने कार्यबल में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने तथा महिला-नेतृत्व वाले विकास को बढ़ावा देने के उद्देश्य से कई परिवर्तनकारी पहलों की घोषणा की।
- इस संदर्भ में, महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने 26 जुलाई 2024 को एक बजट-पश्चात वेबिनार संचालित किया। इस दौरान माननीय मंत्री ने महिलाओं के नेतृत्व वाली प्रगति के लिए मंत्रालय की प्रतिबद्धता की पुष्टि की।
10. #अबकोईबहानानहीं अभियान
- महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने संयुक्त राष्ट्र महिला के सहयोग से 25 नवंबर, 2024 को #अबकोईबहानानहीं अभियान शुरू किया। यह जेंडर आधारित हिंसा को समाप्त करने के लिए मंत्रालय की अटूट प्रतिबद्धता की पुष्टि करता है।यह अभियान ग्रामीण विकास मंत्रालय (एमओआरडी) द्वारा 25 नवंबर से 22 दिसंबर, 2024 तक लिंग आधारित हिंसा के खिलाफ सामुदायिक नेतृत्व वाले अभियान “नई चेतना” के साथ मेल खाता है।
11. यौन उत्पीड़न इलेक्ट्रॉनिक बॉक्स ‘शी-बॉक्स’ पोर्टल:
- महिला एवं बाल विकास मंत्री ने 29 अगस्त 2024 को दिल्ली से राष्ट्रव्यापी वेबकास्ट के माध्यम से संशोधित ‘शी-बॉक्स’ की शुरुआत की।
- नए पोर्टल में आंतरिक समितियों और स्थानीय समितियों के केंद्रीकृत डेटाबेस जैसी विशेषताएं शामिल हैं। इस पोर्टल पर पंजीकृत शिकायतें सीधे केंद्रीय मंत्रालयों/विभागों, राज्यों/ संघ राज्य क्षेत्रों तथा निजी क्षेत्र के कार्यालयों में संबंधित कार्यस्थलों की आंतरिक समिति/स्थानीय समिति को भेजी जाएंगी।
12. “बाल विवाह मुक्त भारत” अभियान और पोर्टल की शुरुआत:
- महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने 27 नवंबर, 2024 को एक राष्ट्रीय अभियान “बाल विवाह मुक्त भारत” शुरू किया, जहां बाल विवाह के खिलाफ जागरूकता बढ़ाने और बाल विवाह की घटनाओं की प्रभावी रिपोर्टिंग और रोकथाम के लिए राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों की सहायता करने के लिए एक पोर्टल ‘https://stopchildmarriage.wcd.gov.in’ भी शुरू किया गया।